भारत मे हो चुकी है Hydrogen Fuel की शुरुआत, जानिए इससे कैसे चलेगी गाड़ी, महज 5 मिनट मे फुल हो जाएगी टंकी

हाल ही में चीन में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन शुरू की गई। भारत सरकार और दुनिया का फोकस इलेक्ट्रिक कारों के बाद अब हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों पर है। दरअसल, भारत में पेट्रोल-डीजल की जगह इलेक्ट्रिक कारों पर पिछले कई सालों से काम किया जा रहा है।
अब समय इससे भी आगे जाने का है। यही कारण है कि सरकार का फोकस अब बैटरी-पावर्ड व्हीकल से शिफ्ट होकर हाइड्रोजन कारों पर बढ़ने वाला है। कुछ दिनों पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भारत की पहली हाइड्रोजन कार में सफर करते देखा गया था।
The inside of a hydrogen car vs. the inside of a Tesla.
Which looks safer to you? pic.twitter.com/P3y7IrQDE1
केंद्रीय मंत्री गडकरी इस कार में बैठकर संसद पहुंचे थे। यह जापान की कंपनी टोयोटा की Toyota Mirai कार थी। इस कार को भारत डेमो के तौर पर लाया गया है। यह हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर चलने वाली भारत की पहली कार है। इसे भविष्य की कार भी बताया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कैसे हाइड्रोजन से किसी गाड़ी को चलाया जा सकता है। यहां हम हाइड्रोजन कार के चलने का पूरा प्रोसेस समझने वाले हैं।
ऐसे चलती है हाइड्रोजन कार
टोयोटा मिराई कारों में तीन हाइड्रोजन टैंक का इस्तेमाल होता है जिसे सिर्फ पांच मिनट में भरा जा सकता है। कार में 1.24kWh का बैटरी पैक भी है जो इलेक्ट्रिक मोटर को शक्ति प्रदान करता है। यह मोटर 182 अश्वशक्ति का उत्पादन कर सकती है, जिससे टोयोटा मिराई बैटरी संचालित इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) का एक उन्नत रूप है।
इलेक्ट्रिक कारें अपनी मोटरों को चलाने के लिए बिजली का उपयोग करती हैं। जब कार का टैंक हाइड्रोजन से भर जाता है, तो वातावरण में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन मिलकर बिजली बनाते हैं। इस बिजली का उपयोग कार की मोटर को चलाने के लिए किया जाता है। यदि बहुत अधिक बिजली है, तो इसे कार में बैटरी में संग्रहित किया जाता है।
India Become Exporter Of Green Hydrogen @nitin_gadkari
— INDIPLUS NEWS 🇮🇳 (@IndiplusNews) March 30, 2022
Driving In Hydrogen Car
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EV से किस तरह बेहतर
हाइड्रोजन कारों के कई फायदे हैं। उदाहरण के लिए, वे पेट्रोल और डीजल कारों की तुलना में बहुत सस्ते हैं, और उनमें कुछ ही मिनटों में ईंधन भरा जा सकता है। इलेक्ट्रिक कारों को लेकर भी लोग काफी परेशान रहते हैं क्योंकि उन्हें रिचार्ज करने में काफी समय लग सकता है। हालाँकि, हाइड्रोजन कारें केवल पाँच मिनट में चलने के लिए तैयार हो सकती हैं।
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