New Yamaha RX100: तहलका मचाने आ रही है नई RX100 देखते ही बना देगी दीवाना

New Yamaha RX100: तहलका मचाने आ रही है नई RX100 देखते ही बना देगी दीवाना यामाहा अब अपनी एक बीते जमाने की लोकप्रिय बाइक लॉन्च करने जा रही है. यह बाइक 90 के दशक की एक लोकप्रिय बाइक थी और अब कंपनी ने इसकी वापसी का ऐलान कर दिया है.
यामाहा आरएक्स 100 को कंपनी ने साल 1985 के दौरान लॉन्च किया था और 1996 में इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया था. अब कंपनी अपनी इस मोटरसाइकिल को एक बार फिर से लॉन्च करने जा रही है.
आइए लॉन्चिंग से पहले इसके बारे में जानते हैं. दरअसल, पुराने मॉडल की तरह ही न्यू मॉडल्स में भी वहीं और उस टाइप की ही सीट्स देखने को मिल सकती है, लेकिन इस बार एलॉय व्हील्स के साथ दस्तक देगा.
यह बाइक एक किफायती सेगमेंट में दस्तक दे सकती है. दरअसल, कंपनी कुछ नए प्रोडक्ट को साल 2025 और साल 2026 के दौरान लॉन्च किया जा सकता है.
वहीं यामाहा आरएक्स 100 को साल 2026 के दौरान ही पेश किया जा सकता है. हालांकि लॉन्चिंग टाइमलाइन को लेकर कंपनी ने जानकारी शेयर नहीं की है.

यामाहा तैयार कर रहा है इलेक्ट्रिक स्कूटर
यामाहा एक इलेक्ट्रिक स्कूटर तैयार कर रहा है, जो भारत में पहले से मौजूदा ओला एस 1 प्रो सिंपल वन और ओकिनावा जैसे स्कूटर्स को टक्कर देगा. बताते चलें कि भारतीय बाजार में बीते एक दो साल के दौरान टू-व्हीलर इलेक्ट्रिक सेगमेंट का तेजी से विस्तार हुआ है.
यामाहा का अपकमिंग इलेक्ट्रिक स्कूटर, दूसरे स्कूटर की तुलना में काफी अलग होगा. भारतीय बाजार में कंपनी ग्लोबल मार्केट में मौजूद स्कूटर को इंपोर्ट कर सकते हैं.
भारतीयों की पसंद थी सस्ती बाइक
New Yamaha RX100: तहलका मचाने आ रही है नई RX100 देखते ही बना देगी दीवाना यह 1973 में है कि प्रमुख जापानी बाइक निर्माता यामाहा ने RD-350 नामक एक बाइक लॉन्च की। रेसिंग के प्रति उत्साही लोगों के लिए विशेष रूप से निर्मित, इस मोटरसाइकिल के फ्रंट में डिस्क ब्रेक हैं
हालांकि, इस टू-स्ट्रोक मोटरसाइकिल ने आते ही बाजार में तहलका मचा दिया। अपनी सफलता को देखते हुए Yamaha ने इस बाइक को भारतीय बाजारों में भी लॉन्च करने का फैसला किया.
1983 में, यामाहा ने एस्कॉर्ट्स ग्रुप के सहयोग से आरडी-350 के भारतीय संस्करण को “एंबेसडर-350” नाम से पेश किया।
भारत में इसे बुरी तरह पीटा गया था।
रेसिंग के शौकीन तो यहां थे, लेकिन विदेशों के मुकाबले उनकी संख्या बहुत कम थी। देश की अर्थव्यवस्था भी ग्रामीण और कृषि प्रधान थी। बाजार नहीं खुले। ऐसे में इसकी महंगी कीमतों से लोग इससे दूर हो गए