नीलगाय से खेतों की रखवाली का ये है गजब जुगाड़, बिना कोई लागत के दिनरात होगी खेत की रखवाली

किसानों का जीवन हमेशा से कठिन रहा है खासकर जब उनकी फसल की सुरक्षा की बात आती है. खेती की मेहनत के बाद भी अक्सर किसानों को अपनी फसल को नील गाय (Nilgai) और अन्य आवारा मवेशियों से बचाने के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है. इस समस्या का सामना करते हुए किसानों ने कुछ क्रीएटिव और कम लागत वाले उपाय अपनाए हैं जो उन्हें बड़ी मदद प्रदान करते हैं.

पवन चक्की बना समाधान (Windmill Solution)

एक बेहद कारगर तकनीकी है पवन चक्की के आकार में बनी एक अनूठी मशीन जो किसानों को फसल सुरक्षा में बड़ी राहत देती है. यह मशीन लकड़ी के खंभे पर बंधी होती है और हवा चलने पर इसमें लगी घंटी से तेज आवाज होती है जो नील गाय को खेतों के आस-पास आने से रोकती है. इसकी खासियत यह है कि इसे चलाने के लिए किसानों को बार-बार खेत में जाने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि यह ऑटमैटिक होती है और हवा के साथ काम करती रहती है .

तेज रोशनी से नीलगाय दूर भगाएं (High-Intensity Lighting)

एक अन्य आसान लेकिन प्रभावी तकनीक है खेतों में तेज रोशनी वाली टॉर्च लगाना. इसे बांस की लकड़ी पर बांधकर रखा जाता है जिसकी चमक से नील गाय और अन्य जानवर रात्रि के समय खेत के आसपास नहीं आते हैं. यह उपाय न केवल सस्ता है बल्कि किसानों को रात भर जागने से भी बचाता है.

धुआं और गंध के जरिए फसल सुरक्षा (Smoke and Smell Protection)

एक और लोकप्रिय तरीका है खेत के चारों ओर सूखे गोबर के उपले से धुआं करना. यह धुआं नील गाय को खेत के आसपास आने से रोकता है और इससे किसानों को कोई एक्स्ट्रा खर्चा भी नहीं आता. यह तकनीक न केवल प्रभावी है बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है क्योंकि यह प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करती है.

मिर्ची और लहसुन का मिक्स्चर (Chili and Garlic Mixture)

किसान खेत के चारों ओर मिर्ची और लहसुन का घोल बनाकर छिड़काव करने से इसकी तेज गंध से नील गाय और अन्य हानिकारक जानवर दूर रहते हैं. यह घोल बनाने में सस्ता पड़ता है और इसका प्रभाव भी लोंग टर्म होता है जिससे किसानों को बार-बार के प्रयासों और खर्च से राहत मिलती है.