जानिए कितनी संपत्ति पीछे छोड़ गए MDH वाले दादाजी, कैसे 1500 रुपए लगाकर बनाई 10,000 करोड़ की कंपनी

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जानिए कितनी संपत्ति पीछे छोड़ गए MDH वाले दादाजी, कैसे 1500 रुपए लगाकर बनाई 10,000 करोड़ की कंपनी

बीते 2 सालों में दुनिया में कई बड़ी हस्तियां भगवान को प्यारी हो गई। यह 2 साल भारत के लिए भी बहुत बदकिस्मती वाले निकले। क्योंकि इन 2 सालों में हमारे देश ने बहुत से बड़े बड़े अनमोल रतन गवाए हैं। इन्हीं के बीच शामिल है MDH वाले दादा जी यानी महाशय धरमपाल गुलाटी। धर्मपाल
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जानिए कितनी संपत्ति पीछे छोड़ गए MDH वाले दादाजी, कैसे 1500 रुपए लगाकर बनाई 10,000 करोड़ की कंपनी

बीते 2 सालों में दुनिया में कई बड़ी हस्तियां भगवान को प्यारी हो गई। यह 2 साल भारत के लिए भी बहुत बदकिस्मती वाले निकले। क्योंकि इन 2 सालों में हमारे देश ने बहुत से बड़े बड़े अनमोल रतन गवाए हैं। इन्हीं के बीच शामिल है MDH वाले दादा जी यानी महाशय धरमपाल गुलाटी।

धर्मपाल जी की लाइफ और स्ट्रगल के बारे में सुनकर कोई भी इंसान मोटिवेट हो जाता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कैसे धर्मपाल जी भारत के आजादी के समय पर आए और मसालों के राजा बन ग

शुरुआती जिंदगी

महाशय जी का जन्म साल 1923 में सियालकोट में हुआ था जो आज के समय में पाकिस्तान देश में है।

उनके पिता के द्वारा बनाया गया उनका मसालों का बिजनेस बहुत अच्छा चला करता था। महाशय जी ने 4थी क्लास तक पढ़ने के बाद ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी और अपने पिताजी के बिजनेस में जुड़ गए थे। आने वाले समय में वह भारत की आजादी के लिए भी लड़े थे।

साल 1947 के बाद वह पाकिस्तान से भारत में आकर रहने लगे थे। हालांकि उस समय उनका बिजनेस पूरी तरह खत्म हो चुका था और वह गरीबी में जी रहे थे।

मसालों के राजा बनने का सफर

आजादी के बाद धर्मपाल जी अपनी फैमिली के साथ दिल्ली आकर रहने लगे थे।

उस समय वह बेहद गरीबी में थे तब उन्होंने एक तांगा लेकर कनॉट प्लेस से करोल बाग तक सवारियां ढोने का काम शुरू किया। हालांकि उनको इससे ज्यादा कमाई नहीं होती थी। लेकिन उन्होंने सोचा कि वह अपने पुश्तैनी कारोबार को दोबारा शुरू करना चाहेंगे। इसी के चलते उन्होंने 1948 में करोड़ बाग में एक झोपड़ी से मसालों को कारोबार दोबारा शुरू किया। बता दें कि यह कारोबार उनकी बिजनेस की सूझबूझ के कारण बहुत अच्छा चलने लगा। फिर अगले ही साल उन्होंने चांदनी चौक में अपनी दुकान की दूसरी ब्रांच खोली।

धीरे-धीरे उनका बिजनेस काफी बढ़ने लगा और साल 1954 में उन्होंने रूपक स्टोर नाम से भारत का पहला मॉडर्न मसाले का स्टोर खोला। उस स्टोर को भी बहुत सफलता प्राप्त हुई। हालांकि बाद में उन्होंने वह स्टोर अपने भाई को दे दिया। फिर साल 1959 में धर्मपाल जी ने अपनी मसालों की फैक्ट्री MDH यानी महाशय दी हट्टी प्राइवेट लिमिटेड शुरू करी।

देखते ही देखते उनका यह बिजनेस इतना अच्छा चला कि वह दुनिया के लगभग 100 से भी ज्यादा देशों में अपने मसाले एक्सपोर्ट करने लगे। उनका मसाले का ब्रांड MDH दुनिया का नंबर वन मसाला ब्रांड बन गया। और वह मसाला किंग कहलाए जाने लगे।

धर्मपाल जी की कमाई और कुल संपत्ति

दोस्तों शायद आपको जानकर हैरानी होगी कि धर्मपाल जी ने अपनी MDH कंपनी 15 सो रुपए से शुरू करी थी और आज उसकी कीमत लगभग 10,000 करोड रुपए हैं। बात करें उनकी इनकम की तो वह अपनी कंपनी से हर महीने लगभग 119 से 190 करोड़ रुपए कमा लेते थे। साल 2020 के आंकड़ों के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति लगभग 25,000 करोड रुपए बताई जाती है। वह अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहा करते थे। और इनके घर की कीमत लगभग 250 करोड रुपए बताई जाती हैं।