Sheep Farming: भारत में छोटे किसान अक्सर अतिरिक्त आय के लिए बकरी पालन (goat farming) को तरजीह देते हैं. हालांकि भेड़ पालन (sheep farming) इससे भी अधिक लाभकारी सिद्ध हो सकता है. जिसके बारे में कम ही किसानों को जानकारी है.
बकरी और भेड़ कौन सा विकल्प है बेहतर?
जहां बकरियों से मुख्य रूप से दूध और मांस का उत्पादन होता है. वहीं भेड़ के पालन से मांस, दूध, ऊन (wool production) और चमड़ा (leather) जैसे कई उत्पाद प्राप्त होते हैं. जिससे अधिक आय संभव है. इसके अलावा भेड़ों की खाना-खुराक पर भी बहुत अधिक खर्च नहीं आता है. जिससे ये विकल्प और भी आकर्षक हो जाता है.
भेड़ पालन के व्यावसायिक लाभ
भेड़ का दूध काफी महंगा बिकता है और इसके ऊन, मांस और चमड़े की बाज़ार में बहुत मांग है. भेड़ के गोबर से बना खाद (sheep manure) भी अच्छे दामों में बिकता है. जिससे यह न केवल विविध आय स्रोत साबित होता है बल्कि पारिस्थितिकी के अनुकूल भी है.
सरकारी सहायता और सब्सिडी
अगर आप भेड़ पालन में नये हैं और इसे अपनाना चाहते हैं, तो भारत सरकार (Indian Government) और कई राज्य सरकारें भी इस पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी देती हैं. यह सब्सिडी आपको इस व्यवसाय को शुरू करने में आर्थिक सहायता प्रदान करती है.