आजतक की सबसे गंदी 8 फ़िल्में जिनपे लग चुका है बेन, इन जगह सरेआम देख सकते है आप

देश में किसी भी फिल्म के रिलीज होने से पहले सरकारी सेंसर बोर्ड दिखाया जाता है। सेंसर बोर्ड किसी फिल्म की कई तरह से जांच करता है। तो फिल्म में ऐसा क्या है जिसका समाज पर बुरा असर पड़ता है। फिल्म में एक आदर्श धार्मिक, सामाजिक दृष्टि के साथ-साथ चरित्र भी होना चाहिए।
जिसमें कभी-कभी कुछ सीन डिलीट कर दिए जाते हैं। यही कारण है कि कुछ फिल्मों को प्रदर्शित करने की भी अनुमति नहीं है। हम उन आठ फिल्मों पर चर्चा करेंगे जिन्हें सिटी बोर्ड ने थिएटर में रिलीज करने से मना कर दिया था।
YouTube एक लोकप्रिय वीडियो-साझाकरण वेबसाइट है जहां उपयोगकर्ता सभी प्रकार के वीडियो देख सकते हैं। YouTube पर ऐसे वीडियो ढूंढना आसान है जो विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं। इस तथ्य के अलावा कि लोग इसे बार-बार देख रहे हैं, इसके लोकप्रिय होने के और भी कारण हैं।
आइए जानते हैं इन 8 फिल्मों के बारे में:
उर्फ प्रोफेसर: सीन की वजह से फिल्म रिलीज नहीं हो पाई। फिल्म में मशहूर अभिनेता शरमन जोशी के अलावा मनोज पाहवा और अनंत माली जैसे कलाकार भी थे। 2001 में फिल की योजनाबद्ध रिलीज में देरी हुई, और यह अमल में नहीं आई। फिल्म का निर्माण पंकज आडवाणी ने किया था, जिनका सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों का पता लगाने वाली फिल्मों के निर्माण का इतिहास है।
दीपा मेहता के निर्देशन में बनी फिल्म फायर को लेकर दो महिलाओं की समलैंगिकता को लेकर काफी चर्चा हो चुकी है। फिल्म को बाद में सेंसर बोर्ड ने बैन कर दिया था।
फिल्म 2015 में बनाई गई थी। यह दुनिया में आजादी की वर्तमान स्थिति का प्रतिबिंब है। इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने बैन कर दिया था। समग्र संबंधों के आधार पर, फिल्म में अश्लील सामग्री का खजाना था। उन्हें प्रतिबंधित करने का कारण यह था।
बेंटिड क्विन: फिल्म 'बेंटिड क्वीन' को लेकर आज भी पूरे बॉलीवुड में चर्चा चल रही है। फिल्म एक ऐसी महिला की कहानी पर आधारित है, जिसे समाज में कई लोगों ने अपना सम्मान और आत्म-मूल्य की भावना से लूट लिया था। घटना के बाद फूलन देवी चंबल घाटी में डकैत बन गई और अपना बदला लेने लगी।
कामसूत्र 3डी फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था क्योंकि फिल्म में ऐसे दृश्य थे जो सामान्य रिलीज के लिए बहुत स्पष्ट थे। हालांकि फिल्म को यूट्यूब पर ही देखा जा सकता है। यह फिल्म 2013 में रिलीज होने वाली थी और इसका निर्देशन रूपेश पॉल ने किया था।
सीन्स: यह फिल्म साल 2005 में बनी थी। यशराज बैनर की यह फिल्म एक पादरी के एक महिला के साथ संबंधों पर आधारित थी। रंगरेलिया की वजह से बैन हुई यह फिल्म बिना रिलीज हुए ही हिट हो गई। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि विवादों में रहने के कारण कई लोगों को इस फिल्म के बारे में पता था।