रियल लाइफ़ में ज़िंदा है बॉर्डर फिल्म के भैरोसिंह, लोगों के लिए बने है प्रेरणा स्त्रोत

home page

रियल लाइफ़ में ज़िंदा है बॉर्डर फिल्म के भैरोसिंह, लोगों के लिए बने है प्रेरणा स्त्रोत

 | 
Retired BSF Jawan Bhairon Singh
अपने जमाने की मशहूर बॉलीवुड फिल्म बॉर्डर आज भी दर्शकों को खूब पसंद आती है. यह व्यावसायिक और गंभीर दोनों तरह से एक ब्लॉकबस्टर सफलता रही है। फिल्म बॉर्डर एक सच्ची घटना पर आधारित है। यह फिल्म भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में भारत की जीत के बाद बनाई गई थी। यह फिल्म भारतीय लोगों के साहस और संकल्प का एक वसीयतनामा है।

अपने जमाने की मशहूर बॉलीवुड फिल्म बॉर्डर आज भी दर्शकों को खूब पसंद आती है. यह व्यावसायिक और गंभीर दोनों तरह से एक ब्लॉकबस्टर सफलता रही है। फिल्म बॉर्डर एक सच्ची घटना पर आधारित है। यह फिल्म भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में भारत की जीत के बाद बनाई गई थी। यह फिल्म भारतीय लोगों के साहस और संकल्प का एक वसीयतनामा है।

भारत के इस युद्ध के जीतने के बाद, दुनिया को बांग्लादेश राष्ट्र मिला। निर्देशक जेपी दत्ता ने सच्ची घटना से प्रेरित होकर 1997 में फिल्म बॉर्डर बनाई थी। सुनील शेट्टी, सनी देओल, पुनीत सिंह और अक्षय खन्ना सभी इस फिल्म के महत्वपूर्ण हिस्से थे। कहानी सेना में सैनिकों के अनुभवों पर आधारित है।

bherosingh retired BSF

इस फिल्म में सिंह का किरदार निभाने में जवान भैरों ने बेहतरीन काम किया था। उनके अभिनय की दर्शकों ने काफी तारीफ की थी। बॉर्डर में भैरों सिंह को शहीद कहा गया। असल जिंदगी में भैरों सिंह आज भी जिंदा हैं और लोगों को प्रेरणा देते रहते हैं।

भैरों सिंह का जन्म जोधपुर के शेरगढ़ जिले में हुआ था। भैरों सिंह 1963 में बीएसएफ में शामिल हुए और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में लड़े। वह 1987 में बीएसएफ से सेवानिवृत्त हुए। भैरों सिंह अब 76 साल के हो गए हैं।

bherosingh retired BSF jawan

भैरोसिंह राठौड़ इतनी बहादुरी  और सफलता हासिल करने के बावजूद भी अपनी सरजमीं पर गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं लेकिन उनकी यह बहादुरी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी। भैरोंसिंह ने 1971 में भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के बारे में बात करते हुए कहा था कि आर्मी के 120 जवानों ने अपनी सूझबूझ से पाकिस्तान के काफी टैंक को ध्वस्त कर दिया था और इसी वजह से वह युद्ध की कठिनाइयों को खत्म करने में कामयाब हुए थे।