रमेश ने पुरानी खेती छोड़ कर की आर्गेनिक खेती आज कमाते है 20 लाख रुपये महिना

खेती के पारंपरिक तरीकों को अपनाकर कई सारे किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ता है। कर कितना अधिक हो जाता है कि खेती करने के लिए जितना पैसा लगा इतने पैसे भी निकल नहीं पाते हैं। इसलिए हमेशा ऐसे ही पारंपरिक रूप से खेती करने वाले किसान परेशान रहते हैं। लेकिन सूरत के पिता पुत्र ने पारंपारिक खेती करने के तरीकों को छोड़कर कुछ नया करने के बारे में सोचा और उसमें वे सफल भी हुए।
केवल 2 एकड़ में शुरू की कमर्शियल फार्मिंग
गुजरात के सूरत में रहने वाले अरविंद पटेल और उनके पिता रमेश पटेल अपनी 2 एकड़ खेती में कमर्शियल और इंटीग्रेटेड फार्मिंग करते हैं पूर्व विधायक खेती करने का मॉडर्न तरीका है। रमेश पटेल और अरविंद पटेल को केवल 2 एकड़ में ही इस तरीके से खेती करने पर काफी लाभ प्राप्त हुआ। वे अपनी 2 एकड़ की जमीन में लगभग 10 प्रकार की सब्जियां उगाते हैं। यह सब्जियां हर सीजन में उगाई जाती है जिसके कारण उन्हें साल भर लगातार इनकम शुरू ही रहती है।
खेत में उगाने लगे मसाले और सब्जियां
रमेश पटेल अपनी खेती में आलू बैगन टमाटर हल्दी और मसाले जैसे कई सारे सब्जियों और मसालों की खेती करते हैं। रमेश पटेल बताते हैं कि वह पहले पारंपरिक रूप से ही खेती करते थे जिसके कारण उन्हें साल में ज्यादा से ज्यादा एक से डेढ़ लाख रुपए की कमाई होती थी। लेकिन उनके बेटे और इन पटेल ने मॉडर्न फार्मिंग के बारे में जानने की कोशिश की और इसके लिए वे उस क्षेत्र के अन्य किसानों से भी जाकर मिले। इंटीग्रेटेड फार्मिंग की जानकारी लेने के बाद उन्होंने खुद इंटीग्रेटेड फार्मिंग करने का निर्णय किया।
उन्होंने सबसे पहले अपने खेत को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया और एक एक हिस्से में अलग-अलग सब्जियां उगाना शुरू की। लगभग 1 साल बाद जब उन्हें इसमें फायदा दिखाई दिया तो उन्होंने तब आपने जमीन पर मसाले उगाना भी शुरू कर दी है। बता दें कि आमतौर पर देखा जाता है हल्दी का पौधा तीन से 4 फुट ही ऊंचा होता है लेकिन अरविंद पटेल बताते हैं कि उनके द्वारा दिया गया हल्दी का पौधा लगभग 7 फुट ऊंचाई तक चला जाता है।
ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का उपयोग करते हैं
अरविंद पटेल ने बताया कि पहले दे केमिकल फ़र्टिलाइज़र का उपयोग ज्यादा उगाही के लिए करते थे। लेकिन जब धीरे-धीरे उन्हें पता चला कि केमिकल फर्टिलाइजर के उपयोग से आगे चलकर जमीन खराब होती है और इससे उगाई जाने वाली फसलों से सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है जिसके बाद उन्होंने ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू कर दी। ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर के लिए गाय के गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने लगे और उसी का प्रयोग फ़र्टिलाइज़र के रूप में करने लगे। उन्होंने पाया कि धीरे-धीरे उनका उत्पादन बढ़ता गया पूरा अरविंद पटेल अन्य किसानों से भी इंटीग्रेटेड फार्मिंग करने की बात कहते रहते हैं। क्योंकि उन्होंने खुद ऐसा करके काफी मुनाफा कमाया है। पूरन पटेल ने बताया कि 1 साल में लगभग 10 लाख रुपए की कमाई कर लेते हैं।