मिलिए एक ऐसी फॅमिली से जो अपने बगीचे में करते है जादू ,लताओं पर उगाते है आलू

एक तरफ दुनिया में आधुनिकीकरण का जोर पड़ता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ खाने पीने की चीजों की उगाही में आधुनिकीकरण कुछ लोगों के लिए शौक बन गया है। परंतु साथ ही यदि इस आधुनिकीकरण के साथ खाने पीने की इन चीजों को उगाने की विधि ऑर्गेनिक तरीके से अपना ही जाए तो यह और भी उत्तम साबित होती है। ऐसी ही ऑर्गेनिक फार्मिंग का एक अद्भुत उदाहरण सूरत के रहने वाले एक व्यक्ति ने स्थापित करके दिखाया है। सूरत में रहने वाले सुभाष सुरती ने अपने घर के आंगन में और छत पर अलग-अलग प्रकार की कई सब्जियां उगा कर दिखाई।
400 से अधिक सब्जियां उगाते हैं सुभाष
बता दे कि सूरत के रहने वाले सुभाष सुरती ने 15 वर्ष पहले अपना घर खरीदा तो उन्हें घर के आंगन में और छत पर बागवानी करने का विचार आया। इसके लिए उन्होंने सूरत के कृषि विज्ञान केंद्र से टेरेस फार्मिंग का एक कोर्स भी किया। इस कोर्स से उन्होंने जाना कि कैसे पॉटिंग मिक्स तैयार किया जाता है और किस प्रकार से मौसम के अनुरूप सब्जियां उगाई जाती है। आज के समय में सुभाष सूरते अपने छत और आंगन पर 400 से अधिक सब्जियां उगाते हैं और फल भी उगाते हैं।
सुभाष सुरती के परिवार की तीन पीढ़ियां इसी प्रकार घर आंगन में खेती करती आ रही है। उन्होंने अपने गार्डन में अनार, फालसा, अमरुद, आंवला, स्टार फ्रूट, केला, शहतूत, बेल जैसे कई सारे फल उगाए हैं। सुभाष सुरती अपने छत पर हजार स्क्वेयर फुट जगह पर या खेती करते हैं। इसके साथ ही दूध को ध्यान में रखते हुए कुछ सब्जियां उगाने के लिए उन्होंने 3 × 14 की क्यारियां बना रखी है। सुभाष भारती ने बताया कि अक्सर फलों को धूप की जरूरत होती है इसलिए उन्हें वह छत पर ही उगाते हैं। परंतु सब्जियों को धूप की आवश्यकता और मौसम के हिसाब से क्यारियों में ही उगाया जाता है।
फल और सब्जी से लेकर औषधीय वनस्पति भी उगाते हैं
वर्तमान में सर्दियों का मौसम चल रहा है और इस मौसम में सुभाष सुरती ने अपने गार्डन में फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकोली, मेथी, बैगन, सेम, धनिया, मिर्च,करेला, भिंडी, तुरई, लौकी, प्याज, बरबटी, अरवी जैसी और भी कई सारी सब्जियों की उगाही की है। जानकारी के अनुसार सुभाष सुरती के पिता हरिश्चंद्र सुरती को औषधीय वनस्पति उगाने का बहुत शौक था जिसके कारण वे अपने इस गार्डन में अवश्य दिए वनस्पतियों में हल्दी, लेमनग्रास, पांच प्रकार की तुलसी, गिलोय, अडूसा, ब्राह्मी, अजवाइन, कपूरी पान, पुदीना, बड़ी इलाइची सहित अपराजिता आदि औषधीय गुणों वाली वनस्पति या उगाते हैं।
लताओं में आलू उगाने के लिए मशहूर है सुबह
सुभाष सुरती के द्वारा उगाई गई सबसे विशेष सब्जी है एयर पोटैटो। यह आलू लताओं में उगाए जाते हैं। दरअसल सुभाष सुरती को ट्रैकिंग का बहुत शौक है और एक बार वे गिर के जंगलों में ट्रेकिंग करने गए थे पूरे दिन वही पर कहीं उन्हें लताओं में लटके हुए आलू दिखे और उन्होंने वहां के स्थानीय लोगों से पूछा तो लोगों ने उन्हें बताया कि यह आलू ही है बस इसमें स्टार्च की मात्रा अधिक होती है। सुभाष सुरती वहीं से उस लता की एक बेल अपने साथ घर ले आए और उन्होंने अपने घर की क्यारियों में उस बैल को लगा दिया। 1 साल तक उस बैल की देखभाल करने पर वह बेल काफी अच्छी फल-फूल रही थी।
परंतु उसमें आलू नहीं उग रहे थे। लेकिन सुभाष सुरती ने अपनी कोशिश जारी रखी और उस लताओं का काफी अच्छे से ध्यान रखा। लगभग 2 वर्षों बाद उन लताओं में आलू उगने शुरू हो गए और वह लताएं लंबी चौड़ी होकर उनके घर की छत तक पहुंच गई। सुभाष सुरती ने बताया कि “यह आलू (Potato plant) की एक ऐसी किस्म है जो जैन समुदाय के लोग आलू के एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। मैंने अपने कुछ जैन दोस्तों को भी इसके छोटे पौधे बनाकर दिए हैं।”