HAPPY SEEDER MACHINE: अगर आप धान की खेती के बाद गेहूं की बुवाई का प्लान कर रहे हैं और फसलों की कटाई के उपरांत खेतों को तैयार करने की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो एक ऐसे कृषि यंत्र की जानकारी हम आपको देने जा रहे हैं, जो आपकी इन समस्याओं का समाधान कर सकता है. इस यंत्र का नाम हैप्पी सीडर (Happy Seeder) है, जो बिना खेत की पुनः तैयारी किए और बेहद कम पानी में भी गेहूं की खेती संभव बनाता है.
हैप्पी सीडर के अद्वितीय लाभ
जिले के माधोपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉ. चेल्पुरी रामुलू के अनुसार हैप्पी सीडर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इससे जीरो टिलेज विधि (Zero Tillage Method) के तहत बुवाई की जा सकती है. इससे धान की खेती के दौरान खेतों में बनी नमी का उपयोग कर गेहूं बोने की प्रक्रिया संपन्न होती है. जिससे अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती. साथ ही यह खेत में बची पराली का भी सदुपयोग करता है.
खेती में लागत की बचत
इस मशीन की मदद से न केवल खेती की लागत में कमी आती है बल्कि प्रति एकड़ बीज की खपत भी 12 किलो तक कम हो जाती है. हैप्पी सीडर मशीन के उपयोग से किसान बड़ी मात्रा में डीजल और पानी की बचत करने के साथ-साथ समय की बचत भी कर सकते हैं. यह मशीन खेतों को बंजर होने से भी बचाती है और जलवायु परिवर्तन के इस युग में यह बहुत महत्वपूर्ण है.
हैप्पी सीडर: किसानों के लिए वरदान
इस तरह हैप्पी सीडर न केवल कृषि क्षेत्र में एक क्रांतिकारी योगदान दे रहा है. बल्कि यह किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में भी मदद कर रहा है. यह यंत्र खेती को अधिक सस्ता, आसान और टिकाऊ बना रहा है. जिससे किसानों को उनकी मेहनत का उचित परिणाम मिल सके.