भारत के इतिहास में जहांगीर नाम को क्रूर मुगल शासक और ‘इंसाफ की जंजीर’ के रूप में भी जाना जाता है। बादशाह अकबर का बड़ा बेटा जहांगीर का असली नाम सलीम था।
सलीम से पहले अकबर को कोई पुत्र नहीं था। इस बात से दुखी अकबर ने सलीम को कई मिन्नतों के बाद पाया। अकबर ने सलीम को शेख सलीम चिश्ती के नाम पर नामांकित किया। सलीम को अकबर के बाद जहांगीर का पद दिया गया। जहांगीर का अर्थ है ‘विश्व जीतने वाला’। राजा ने अपने दो बेटों की आँखें फाड़ दीं।
जहांगीर का राज
जहांगीर ने 1605 से 1627 तक राज्य किया। जहांगीर बहुत शराब पीता था। 1611 में जहांगीर ने नूरजहां नाम की एक महिला से शादी की। कहा जाता है कि वह विधवा थी।
जो जहांगीर पर बहुत प्रभावी था। यही कारण था कि नूरजहां से सभी महत्वपूर्ण निर्णय पूछे जाते थे। क्योंकि नूरजहां जहांगीर की गैरमौजूदगी में काम करती थी।
रोज पीता था 20 पेग शराब-कश्मीर से आती थी बर्फ
तुजूके जहागीरी, जहांगीर की आत्मकथा, बताती है कि वह हर दिन २० पेग (प्याला) शराब पीते थे। जिनमें से चौबीस प्याले दिन में और छह प्याले रात में पीते थे।
उस समय फ्रिज नहीं था, इसलिए शराब में डालने के लिए बर्फ कश्मीर से मंगवाई जाती थी। जहांगीर को अफीम का भी शौक था, जो नहीं छोड़ सकता था। जहांगीर की अफीम के शौक से 58 वर्ष की उम्र में अस्थमा से मौत हो गई।
जहांगीर की क्रूरता
नूरजहां: एंपरेस ऑफ मुगल इंडिया, लेखक एलिसन बैंक्स फ़िडली ने 17 अक्तूबर 1605 को अकबर की मौत के बाद जहांगीर मुगल तख्त पर बैठा।
एलिसन ने कहा कि जहांगीर ने अपने एक नौकर का अंगूठा सिर्फ इसलिए कटवा दिया था क्योंकि उसने नदी के किनारे लगे कुछ चंपा के पेड़ काट दिए थे।
उसने नूरजहां की एक कनीज को आधा गड्ढ़े में डाल दिया। उसे एक किन्नर का चुंबन लेते पकड़ लिया गया था। जहांगीर ने एक आदमी को उसके पिता को मार डालने की सजा देते हुए उसे हाथी की पिछली टांग से बंधवाकर कई मीलों तक खिंचवाया। अपने बेटे की आंख तक फोड़ दी।