मुगल काल (Mughal Era) की बहुत सी कहानियां हैं, लेकिन ये सबसे दिलचस्प है। आपको हैरानी होगी कि मुगलिया सल्तनत का एक बादशाह भी था जिसे अपनी मर्दानगी का प्रमाण देना पड़ा था।
यही कारण था कि उसके नाम में रंगीला शब्द था. हालांकि, एक छोटी सी गलती ने उसकी मर्दानगी पर सवाल उठाया। ये मुगल शासक कट्टर मुसलमान शासक औरंगजेब का पुत्र था।
शाहजहां, अकबर और औरंगजेब के बाद इसी मुगल शासक ने सबसे अधिक समय तक शासन किया था। औरंगजेब के शासनकाल में प्रतिबंधित कला-संगीत इस मुगल बादशाह के शासनकाल में उतनी ही तेजी से फैल गया।
कौन था ‘रंगीला’ मुगल बादशाह
ये मुगल बादशाह मुहम्मद शाह रंगीला था। 29 सितंबर 1719 को यह मुगलिया तख्त पर बैठा। 1707 में औरंगजेब की मौत के बाद दिल्ली अगले कई वर्षों तक राजनीतिक बहस का स्थान रही। तीन राजाओं को एक-एक करके मार डाला गया। मुगल साम्राज्य की सीमा भी कम होने लगी।
जब रंगीला के हाथ आई सत्ता की बागडोर
मुहम्मद शाह रंगीला फिर शासन करने लगा। मुहम्मद शाह के बारे में कहा जाता है कि औरंगजेब के शासनकाल में दफनाए गए गाने-बजाने के यंत्र इस बादशाह के शासनकाल में कब्र से बाहर निकले। मुहम्मद शाह रंगीला ने कला को बहुत बढ़ावा दिया।
बादशाह की मर्दानगी पर क्यों उठे सवाल
माना जाता है कि मुहम्मद शाही रंगीला के शासनकाल में, जो चित्रकला फीकी पड़ गई थी, फिर से जीवंत हो गई। मुगल काल के कई चित्रों में मुगल शासक अपने दरबारियों से बात करते हैं, धर्मगुरुओं के साथ बैठे हैं और बेगमों के साथ नजर आते हैं। लेकिन मुहम्मद शाह के समय भी एक चित्र बनाया गया था जिसमें रंगीला को एक कनीज के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था।
मुगल बादशाह मुहम्मद शाह रंगीला की ये तस्वीर बाद में दिल्ली में चर्चा का विषय बन गई। बादशाही रंगीला ने आखिर ऐसी तस्वीर क्यों बनाई? मुहम्मद शाह रंगीला को बदनाम बताया गया। बादशाही ने अपनी इसी कमी को छिपाने के लिए ऐसा चित्र बनाया है।