पेशाब में झाग आना हो सकता है इस बीमारी का संकेत

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पेशाब में झाग आना हो सकता है इस बीमारी का संकेत

अक्सर हमारा शरीर कई बड़े बदलाव से होकर गुजरता है। ऐसे में कई बार जब हमें कोई अंदरूनी बीमारी होती है तो शरीर में से कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इन लक्षणों में प्राथमिक रूप में हमारे पेशाब में बदलाव होने लगता है जैसे पेशाब की बदबू, रंग स्वरूप और कभी-कभी पेशाब में झाग
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पेशाब में झाग आना हो सकता है इस बीमारी का संकेत

अक्सर हमारा शरीर कई बड़े बदलाव से होकर गुजरता है। ऐसे में कई बार जब हमें कोई अंदरूनी बीमारी होती है तो शरीर में से कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इन लक्षणों में प्राथमिक रूप में हमारे पेशाब में बदलाव होने लगता है जैसे पेशाब की बदबू, रंग स्वरूप और कभी-कभी पेशाब में झाग दिखाई देता है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या पेशाब में झाग आना कोई बीमारी का संकेत है या नहीं? इसके साथ ही इस को ठीक करने के उपाय भी आपको बताएंगे।

वैसे तो पेशाब में झाग आना एक बहुत ही आम समस्या माना जाता है परंतु पेशाब में झाग आने के साथ-साथ यदि आपको सिर दर्द होना, त्वचा का रूखापन होना, ज्यादा प्यास लगना, बार बार उल्टी होना, सांस लेने में दिक्कत होना, नींद ठीक से नहीं लगना, हमेशा थकान जैसा महसूस करना, भूख कम लगना और वजन कम होने जैसे लक्षण दिखाई दे तो निश्चित रूप से ही आपको डॉक्टर के पास जाकर चेकअप करवाने की जरूरत है।

पेशाब में झाग आने के कारण

बता दे कि जब व्यक्ति के पेशाब में प्रोटीन बाहर निकलने लगता है तब पेशाब में झाग दिखाई देता है।

इसके साथ ही यदि आपके शरीर में पानी की कमी हो तो भी आप की पेशाब में झाग दिखाई देने लगता है।

यदि आप मधुमेह के शिकार हो तो भी आप के पेशाब में झाग आने की समस्या बन सकती है।

कभी कभी हमारा भी लिया मूत्राशय में चला जाता है। यह भी कारण हो सकता है कि हमारे पेशाब में झाग निकलने लगे।

इसके साथ ही यदि व्यक्ति को किडनी से संबंधित कोई समस्या है तो इस समस्या में भी पेशाब में झाग आने की संभावना रहती है।

पेशाब में झाग आने से बचने के उपाय

पेशाब में झाग आने से रोकने के लिए आपको अधिक से अधिक पानी पीने की आदत डालनी चाहिए। इसके साथ ही आपको अपना भोजन भी जमा जमा कर खाना चाहिए। यदि आप अपने भोजन में हरी सब्जियां नहीं खाते हो तो आपको तुरंत ही हरी सब्जियां और सलाद खाना शुरु कर देना चाहिए। आपको अधिक समय तक पेशाब रोककर नहीं रखना चाहिए। इसके साथ ही आपको जितना ज्यादा हो सके लिक्विड डायट ही लेना चाहिए। अपनी दिनचर्या नियमित करनी चाहिए और रोजाना समय निकालकर योग और व्यायाम करना चाहिए।