अम्बानी की कर्ज में डूबी कंपनी बिकी ,सबसे ज्यादा बोली लगा कर ये आदमी बना नया मालिक

भारत के सबसे बड़े और रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी के भाई यानी अनिल अंबानी की कंपनी अब उनकी नहीं रही। जी हां रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड नामक यह कंपनी पिछले काफी समय पूरी तरह से कर्ज में डूबी हुई थी। जिसके नीलामी के बाद मुंबई के एक बड़े उद्योगपति ने इसे खरीद लिया। आपको बता दें कि नीलामी के समय वहाँ मौजूद सभी लोगों ने 100 करोड़ से लेकर 400 करोड़ तक की बोली लगाई थी। लेकिन इस नीलामी में शामिल हुए मुंबई के सबसे बड़े उद्योगपति निखिल वी॰ मर्चेंट ने सबसे अधिक बोली लगाकर रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड नामक अनिल अंबानी की इस कंपनी को अपने नाम कर लिया है।
बिक गयी अम्बानी की कर्ज में डूबी कंपनी
वैसे आपको बता दें, कि इस कंपनी का एक और नाम है, जी हाँ बिल्कुल इस कंपनी को पिपावाव शिपयार्ड नाम से भी जाना जाता है। दरअसल निखिल वी॰ मर्चेंट और उनके सहयोगी की ओर से समर्थित हैजेल मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड (Hazel mercantile Pvt. Ltd. ) ने सोमवार को 3rd राउंड में सबसे बड़ी बोली लगाकर जीत हासिल कर इस कंपनी के मालिक बन गए हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि पिछले महीने ही इस कंपनी की नीलामी की प्रक्रिया कमेटी ऑफ क्रेडिट (CEO) द्वारा शुरू की गई थी जहां इस नीलामी में शामिल होने वाले सभी कंपनी से उच्च प्रस्तावों की भी डिमांड की थी।
दरअसल बात यह है, कि रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी की लीड बैंक आईडीबीआई बैंक है। जिसके नेतृत्व में सभी बैंकों का एक बड़ा ग्रुप मिलकर इस कंपनी को कर्ज दिया था। जिसके बाद पिछले साल आईडीबीआई बैंक के अहमदाबाद ब्रांच के नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से कर्ज वसूली के लिए एक मामला दर्ज करवाया था। जिसके जरिए रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड नामक इस कंपनी से आईडीबीआई बैंक लगभग 12, 429 करोड़ रुपए वसूल करना चाहती थी।
निखिल मर्चेंट बना नया मालिक
जिन बैंकों के ग्रुप से कंपनी ने कर्ज लिया था उसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का 1, 555 करोड रुपए और SBI का 1, 965 करोड रुपए बकाया है। जानकारी के लिए आपको बता दें, कि अंबानी ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी यानी रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड नामक इस कंपनी के लिए 3 सबसे बड़ी बोली लगाई गई थी। जिसमें दुबई की NRI कंपनी ने 100 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी, जिसके बाद स्टील टाइकून यानी कि नवीन जिंदल ने 400 करोड़ रुपए की बोली लगाई। लेकिन इन दोनों उद्योगपतियों को मात देते हुए मुंबई के उद्योगपति निखिल मर्चेंट ने सबसे अधिक बोली लगाकर जीत हासिल कर ली।