Isha Ambani News: अपनी ‘ईशू’ को यूं ही नहीं दी है मुकेश अंबानी ने बड़ी जिम्मेदारी, बिटिया रानी की काबिलियत है इसकी वजह

नई दिल्ली: ईशा अंबानी को प्यार से घरवाले इसी नाम से बुलाते हैं। ईशू। देश के सबसे दौलतमंद परिवार में जन्मी यह बिटिया अपने दो भाइयों में अकेली है। परिवार जान छिड़कता है ईशू पर। 2008 में फोर्ब्स ने अपनी लिस्ट में उन्हें सबसे कम उम्र की अरबपति उत्तराधिकारी के तौर पर दूसरे पायदान पर रखा था।
आज पिता मुकेश अंबानी ने ग्रुप के रिटेल कारोबार की बागडोर प्यारी बिटिया के हाथों में सौंप दी है। ऐसा करने के पीछे सिर्फ यह वजह नहीं है कि ईशा मुकेश अंबानी की लाडली हैं। अलबत्ता, यह उनकी काबिलियत का तोहफा है। पढ़ाई-लिखाई में वह अव्वल रही हैं। कई साल पहले ही वह रिलायंस रिटेल और जियो के बोर्ड से जुड़ी गई थीं। 2015 में उन्होंने एशिया की सबसे पावरफुल अपकमिंग बिजनसवुमन की लिस्ट में जगह बनाई थी।
वह बिजनस की बारिकियों को खूब समझती हैं। इस समझ के कारण ही वह न्यूयार्क में मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकेनसी में बिजनस एनालिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। मुकेश अंबानी ने सोमवार को रिलायंस ग्रुप की 45वीं आमसभा की बैठक में अपने सक्सेशन प्लान को करीब-करीब साफ कर दिया। उन्होंने बेटी ईशा को ग्रुप के रिटेल कारोबार की कमान सौंपी है। छोटे बेटे अनंत को एनर्जी बिजनस सौंपा गया है।
मुकेश अंबानी ने ईशा को रिटेल बिजनस के बारे में बोलने के लिए जब मंच पर बुलाया तो उनका परिचय ग्रुप के खुदरा कारोबार के प्रमुख के तौर पर कराया। उन्होंने रिटेल कारोबार के प्रदर्शन के साथ इसे आगे बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे कदमों से निवेशकों को रूबरू कराया।
2014 में ईशा JIO के निदेशकमंडल में हुईं शामिल
मुकेश ने अगर बिटिया पर इतना भरोसा दिखाया है तो उसकी बड़ी वजह ईशा की काबिलियत है। मुंबई में धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल से शुरुआती पढ़ाई करने के बाद ईशा ग्रेजुएशन के लिए येल यूनिवर्सिटी चली गई थीं। उन्होंने साइकॉलजी और साउथ एशियन स्टडीज से ग्रेजुएशन पूरा किया।
फिर स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनस से एमबीए किया। वह बहुत अच्छा पियानो बजाती हैं। 2014 में न्यूयॉर्क में उन्होंने बतौर बिजनस एनालिस्ट मैकेनसी में काम किया। उसी साल अक्टूबर में रिलायंस रिटेल और जियो के बोर्ड ऑफ डायेक्टर्स में उन्हें शामिल किया गया। 2015 में उन्हें आने वाले समय में एशिया की 12 सबसे शक्तिशाली कारोबारी महिलाओं में रखा गया। दिसंबर 2015 में जब जियो की 4जी सर्विसेज लॉन्च हुईं तो ईशा अंबानी ने इसका नेतृत्व किया।
कभी टीचर बनना चाहती थीं ईशा अंबानी
रिलायंस ग्रुप में जियो उनका पहला प्रमुख प्रोजेक्ट था। जियो के अलावा ईशा ग्रुप की सब्सिडियरी रिलायंस रिटेल के साथ भी जुड़ी रहीं। यह देश की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी है। अप्रैल 2016 में ईशा अंबानी ने AJIO के लॉन्च की अगुआई की। यह मल्टी-ब्रांड ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है। प्लेटफॉर्म पर वेस्टर्न और ट्रेडिशनल दोनों तरह की ऑफरिंग है।
रिलायंस फाउंडेशन के डिजिटल एजुकेशन प्रोग्राम की वह बड़ी ताकत रही हैं। इस प्रोग्राम के तहत ग्रामीण भारत में पढ़ाने वाले टीचरों को संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं। भले वह रिलायंस इंडस्ट्रीज की अगली पीढ़ी की अगुआई करती हैं। लेकिन, वह खुद कह चुकी हैं कि एक समय था जब वह टीचर बनना चाहती थीं।
12 दिसंबर 2018 में उनकी शादी पीरामल ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आनंद पीरामल से हो गई थी। यह शादी अंबानी के आवास अंतिला में हुई थी। इसकी गिनती कुछ सबसे महंगी शादियों में होती है। इस पर करीब 10 करोड़ डॉलर का खर्च आया था।