बिजली मीटर को धीमा करने के युवक ने माँगे थे 5000 रुपए, पर जल्दबाज़ी में कर दी बड़ी गलती

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बिजली मीटर को धीमा करने के युवक ने माँगे थे 5000 रुपए, पर जल्दबाज़ी में कर दी बड़ी गलती

बिजली का बिल जब ज्यादा आता है तो लोगों का दिल बड़ा दुखता है। ऐसे में कुछ गैर-कानूनी तरीके से मीटर में छेड़छाड़ कर उसकी चाल धीमी कर देते हैं। जो शख्स ऐसे काम करता है वह बदले में अच्छे खासे पैसे भी लेता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रशांत गुप्ता नाम का
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बिजली मीटर को धीमा करने के युवक ने माँगे थे 5000 रुपए, पर जल्दबाज़ी में कर दी बड़ी गलती

बिजली का बिल जब ज्यादा आता है तो लोगों का दिल बड़ा दुखता है। ऐसे में कुछ गैर-कानूनी तरीके से मीटर में छेड़छाड़ कर उसकी चाल धीमी कर देते हैं। जो शख्स ऐसे काम करता है वह बदले में अच्छे खासे पैसे भी लेता है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रशांत गुप्ता नाम का एक शख्स यही काम 5000 रुपए के बदले करता है। वह अक्सर लोगों को फोन पर कहता है कि मैं आपके घर आकर मीटर की चाल कम कर सकता हूं। बदले में आप पैसे दे देना।

बिजली विभाग के अधिकारी को दे दिया मीटर से छेड़छाड़ का ऑफर

हालांकि इस बार प्रशांत ने ये कॉल गलती से वह बिजली विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (Executive Engineer of Electricity Department) अरविंद ओझा को लगा दी। उसने अधिकारी से कहा कि मैं आपके घर का बिजली का बिल कम कर सकता हूं।

बदले में आपको बस 5 हजार रुपए देने होंगे। उसने ये भी बताया कि वह लोगों के घरों में मीटर लगाने का काम ही करता है। प्रशांत इस बात से बिल्कुल अनजान था कि वह यह स्कीम मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर को बता रहा है।

बस फिर क्या था अधिकारी ने मीटर की चाल धीमी करने वाले प्रशांत को अपने इंदिरा नगर में स्थित घर बुला लिया। प्रशांत भी पैसों के लालच में खुश होकर अपने दीपर मौर्य के साथ वहां पहुंचा गया।

बिजली मीटर को धीमा करने के युवक ने माँगे थे 5000 रुपए, पर जल्दबाज़ी में कर दी बड़ी गलती
बिजली मीटर को धीमा करने के युवक ने माँगे थे 5000 रुपए, पर जल्दबाज़ी में कर दी बड़ी गलती

लेकिन यहां आते ही बिजली विभाग की टीम देख उनके होश उड़ गए। बिजली विभाग की टीम ने दोनों आरोपियों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।

बिजली विभाग ने पकड़कर किया पुलिस के हवाले

गाजीपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ रामेश्वर कुमार बताते हैं कि प्रशांत और दीपक से पूछताछ में पता चला कि दोनों आईपीएस कंपनी में काम किया करते थे। उनके पास से कंपनी का आईडी कार्ड भी मिला है।

वहीं उनके पास से पॉली कार्बन सील एवं मीटर सीलिंग बुक भी बरामद की गई है। बता दें कि एल एंड टी (L&T) कंपनी ने 2020 में आईपीएस कंपनी को स्मार्ट मीटर लगाने का जिम्मा दिया था।

इसके बाद पुलिस ने आईपीएस और एलएनटी कंपनी को रिप्रेजेंट करने वाले जय भगवान पाल और अनुज मिश्रा को पूछताछ के लिए थाने बुलाया। जय भगवान पाल (आईपीएस कंपनी के प्रतिनिधि) ने बताया कि प्रशांत गुप्ता पहले उनकी कंपनी में काम किया करता था।

लेकिन अब नहीं करता है। उसे कई बार अपना आईडी कार्ड जमा कराने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन उसने आईडी कार्ड जमा नहीं करवाया।

फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की विस्तार से जांच कर रही है। वह यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि प्रशांत और दीपक ने और किन किन लोगों से बिजली का मीटर धीमा करने के नाम पर पैसे लिए हैं।

अब देखना ये होगा कि इन दो आरोपियों के अलावा क्या उन लोगों पर भी कोई कार्रवाई होती है जिन्होंने कम बिजली के बिल के लालच में मीटर की चाल गैर कानूनी ढंग से धीमी कारवाई थी।