रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंको को नए निर्देश देकर बैंक से लोन लेना और भी आसान बनाया है। RBI ने अप्रैल में मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में यूपीआई के दायरे को बढ़ाने के लिए क्रेडिट लोन को जोड़ने का प्रस्ताव दिया था, और अब आरबीआई ने इसकी घोषणा भी की है।
कैसे काम करेगा यूपीआई लोन?
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, अब आपको बैंक जाने या ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग करने की जरूरत नहीं है। आरबीआई ने हाल ही में जारी किए गए
निर्देशों के अनुसार, बैंक अब आपको यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पर प्री-सेंक्शंड लोन देने की अनुमति देगा। आरबीआई ने इस मामले में क्या कहा है? आइए जानते हैं कि इस निर्णय का उद्देश्य यूपीआई पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देना है।
सभी तरह के खाते जुड़ेंगे यूपीआई से
आरबीआई ने कहा कि अब क्रेडिट कार्ड, प्रीपेड वॉलेट, सेविंग अकाउंट और ओवरड्राफ्ट अकाउंट को भी यूपीआई से जोड़ा जा सकता है.
इससे क्रेडिट अकाउंट को फंडिंग अकाउंट के रूप में शामिल करके एक्सपेंड किया जाएगा, जिससे व्यक्तिगत ग्राहकों को इसकी सुविधा मिलेगी।
पॉलिसी और बैंक अप्रवूल नियम
यूपीआई लोन को पूरा करने के लिए बैंक को अप्रूवल की आवश्यकता होगी और इसके लिए दिशा-निर्देश भी बनाने होंगे। इस नियम को लागू करने से पहले कुछ बातें जाननी चाहिए, जैसे
- लोन कितना दिया जा सकेगा।
2.ब्याज की दर क्या होगी।
3.लोन किन लोगों को दिया जाएगा।
4.लोन की अवधि कितनी होगी।
5.जब इन बातों पर विचार कर लिया जाएगा तब जाकर इस पर अमल किया जा सकेगा।
क्यों किया गया यूपीआई लोन पर विचार?
1 सितंबर को जारी की गई नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त महीने में 10 बिलियन (या 15.18 लाख करोड़ रुपए) यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए हैं। जुलाई में 9.9 अरब ट्रांजेक्शन हुए थे, जबकि अगस्त में UPI से प्रतिदिन 330 मिलियन ट्रांजेक्शन हुए थे।इसे