भारतीय संस्कृति में शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व है। सनातन धर्म के अनुयायी, पंचांग के माध्यम से शुभ मुहूर्त निर्धारित करके ही मांगलिक और शुभ कार्यों को संपन्न करते हैं। इससे उन्हें विश्वास होता है कि उनके कार्यों का शुभ फल प्राप्त होगा।
विवाह मुहूर्त का विशेष महत्व
विवाह व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन को निर्विघ्न और सुखद बनाने के लिए विशेष रूप से मुहूर्त निकाले जाते हैं। फरवरी माह को विवाह मुहूर्तों से भरा माह माना जाता है, खासकर जब यह लीप ईयर होता है, जिससे इस माह में एक अतिरिक्त दिन मिलता है।
फरवरी में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त
साल 2024 में, फरवरी माह में विवाह के लिए 20 शुभ मुहूर्त हैं, जो कि साल भर में शादी के लिए उपलब्ध कुल 77 दिनों में से हैं। इसका मतलब है कि फरवरी माह बैंड-बाजों और शादियों की धूम से भरा रहेगा।
मार्च माह में विवाह मुहूर्त पर विराम
14 मार्च से खरमास शुरू हो जाएगा, जिसके दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। खरमास के दौरान सूर्य जब गुरु की राशि धनु और मीन में होते हैं, तब इसकी शुरुआत होती है।
आगामी विवाह मुहूर्त
18 अप्रैल से ग्रीष्मकालीन वैवाहिक लग्न मुहूर्त शुरू होंगे। हालांकि, 29 अप्रैल को शुक्र अस्त होने के कारण, विवाह के लिए शुक्र अस्त होते ही विवाह मुहूर्त पर ब्रेक लग जाएगा।
चातुर्मास में विवाह मुहूर्त पर विराम
17 जुलाई को देवशयनी एकादशी से 4 महीने का चातुर्मास शुरू हो जाएगा, जिसके दौरान फिर से शुभ-मांगलिक कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा।