किस कारण सभी वकील तो काला कोट और डॉक्टर पहनते है सफेद कोट, असली वजह भी है बेहद दिलचस्प

Manoj aggarwal
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हमारे समाज में हर प्रोफ़ेसन (Profession) का अपना एक ड्रेस कोड होता है, जो न केवल उस पेशे की पहचान होती है बल्कि उसके मूल्यों और आदर्शों को भी दर्शाती है। विशेष रूप से डॉक्टरों और वकीलों के पहनावे में निहित गहरे अर्थ और परंपराएं होती हैं, जिन्हें हम आगे विस्तार से समझेंगे।

वकीलों का काला कोट

कोर्टरूम (Courtroom) में वकीलों द्वारा काला कोट पहनने की परंपरा की शुरुआत इंग्लैंड (England) से हुई थी। यह भारतीय न्यायिक प्रणाली (Indian Judicial System) में भी अपनाई गई, जो अंग्रेजी प्रणाली पर आधारित है। यह परंपरा 1865 में इंग्लैंड में किंग चार्ल्स द्वितीय के निधन के बाद शुरू हुई थी। यह ड्रेस कोड वकीलों में अनुशासन (Discipline) और न्याय के प्रति सम्मान (Respect for Justice) को दर्शाता है।

डॉक्टरों का सफेद कोट

डॉक्टरों द्वारा सफेद कोट (White Coat) पहनने की परंपरा उनकी पवित्रता, शांति और ईमानदारी को प्रकट करती है। यह रंग मरीजों (Patients) को आराम और सुकून प्रदान करता है। इसके अलावा सफेद रंग गंदगी को आसानी से दर्शाता है, जिससे स्वच्छता (Hygiene) का ध्यान रखा जा सकता है। इस ड्रेस कोड में बड़ी जेबें होती हैं, जिसमें डॉक्टर जरूरी मेडिकल उपकरण (Medical Instruments) रख सकते हैं।

स्वच्छता और पेशेवर छवि

डॉक्टरों और वकीलों का यह ड्रेस कोड न केवल उनकी पेशेवर छवि (Professional Image) को मजबूती प्रदान करता है बल्कि स्वच्छता और पेशेवर सेवाओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। यह उनके कार्यस्थल पर उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों को परिभाषित करता है।

डॉक्टरों और वकीलों के ड्रेस कोड में निहित गहरे अर्थ और परंपराएं हमें उनके पेशे की गरिमा और महत्व को समझने में मदद करती हैं। ये ड्रेस कोड न केवल उनकी पेशेवर पहचान को दर्शाते हैं बल्कि समाज में उनकी भूमिका और योगदान को भी प्रतिष्ठित करते हैं।

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